शनिवार, 7 अप्रैल 2012

अगर किसी दिन तुम्हारा मन रोने का हो तो मुझे बुला लेना -

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अगर किसी दिन तुम्हारा मन रोने का हो
तो मुझे बुला लेना -
मैं तुम्हे हंसाने का वादा तो नहीं करता पर तुम्हारे साथ रो सकता हुं
अगर किसी दिन किसी से भी बात करने या सुनने का मन ना हो
तो मुझे बताना -
मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे पास चुपचाप बैठने का वादा करता हुं
अगर कभी तुम सब छोडकर भाग जाना चाहो
तो मुझसे कहना -
मैं तुम्हे रोकूंगा नहीं,
पर तुम्हारे साथ चलने का वादा करता हुं
पर अगर किसी दिन तुम मुझे बुलाओ और कोई जवाब ना मिले -
तो तुम जल्दी आ जाना ,
शायद उस दिन मुझे तुम्हारी ज़रूरत हो ।

"खून के रिश्तों में जुडाव के साथ अपेक्षाएं जुडी रहती हैं ।
परन्तु मैत्री उन्मुक्त होती है ।
वास्तव में सच्चे मित्र एक दूसरे के पूरक होते हैं ।"

2 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. Bhaijaan Ye Rudaaliyan Nahi Mere Bachpan k Dost Hain.. Jinse Barso Baad Apne Shahar Kanpur Aane Par Mulaqaat Hui tthi..
      Sachche Dost Naseeb Waalo Ko Naseeb Hote Hain aur Alhamdulillaah iss Muaamle Mein Mai Khushnaseeb Hu..
      :-)

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